दूध बेचो, बोनस पाओ! इन जिलों के किसानों को मिलेगा 7 रुपये/लीटर का फायदा, साथ में ₹5 लाख का बीमा भी

दूध बेचो, बोनस पाओ! इन जिलों के किसानों को मिलेगा 7 रुपये/लीटर का फायदा, साथ में ₹5 लाख का बीमा भी

इन जिलों के किसानों को मिलेगा दूध पर बोनस और बीमा का जबरदस्त तोहफा!
अब 14 रुपए में 5 लाख का बीमा और 7 रुपए लीटर का दूध बोनस – सरकार का दमदार प्लान तैयार!

राजस्थान के बॉर्डर से सटे जिलों के किसानों को अब दूध बेचने पर सीधा मुनाफा मिलने वाला है। सरकार ने तय किया है कि इन इलाकों में काम कर रहे पंजीकृत दूध उत्पादक किसानों को कई सुविधाएं एक साथ दी जाएंगी, ताकि उनका जीवन बेहतर हो सके।

दूध पर मिलेगा बोनस:

राजस्थान सरकार ने गुजरात सीमा से सटे चार जिलों – उदयपुर, बांसवाड़ा, बाड़मेर और रानीवाड़ा (जालौर) के 20,786 पंजीकृत किसानों को दूध पर 7 रुपए प्रति लीटर बोनस देने का निर्णय लिया है। इसमें 5 रुपए पहले से मिलते थे, अब 2 रुपए और जोड़े जाएंगे। रोज़ाना करीब 1.75 लाख लीटर दूध का संकलन होता है जिससे हजारों किसानों को सीधा लाभ होगा।

सिर्फ 14 रुपए में दुर्घटना बीमा:

इस योजना में सिर्फ 14 रुपए के प्रीमियम में किसान को 5 लाख रुपए तक का दुर्घटना बीमा मिलेगा। हादसे में मृत्यु होने पर परिवार को पूरा पैसा मिलेगा और अपंगता की स्थिति में 2.5 लाख की सहायता दी जाएगी। इसके अलावा 370 रुपए के मामूली प्रीमियम में चार सदस्यों को 2.5 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा भी मिलेगा। बाकी का 90% प्रीमियम सरकार भरेगी।

बेटी की शादी के लिए मदद:

सरकार “सरस लाडो मायरा योजना” के तहत बेटियों की शादी में 21 हजार रुपए का पारंपरिक मायरा देगी। यह न सिर्फ आर्थिक मदद देगा बल्कि बेटियों को सम्मान और समाज में सकारात्मक बदलाव भी लाएगा। इस योजना से बाल विवाह जैसी समस्याओं पर भी रोक लगेगी।

पंजीकृत किसानों को बायोगैस प्लांट लगाने में 29 हजार रुपए तक का अनुदान मिलेगा। इस प्लांट से हर महीने दो गैस सिलेंडर जितनी बायोगैस मिलेगी, जिससे रसोई का खर्च बचेगा।

अब डेयरी भी होगी प्रोफेशनल:

हर जिला दुग्ध संघ में एक प्रशिक्षित मार्केटिंग कंसलटेंट नियुक्त किया जाएगा जो डेयरी की बिक्री से लेकर मार्केटिंग तक देखेगा। इसका पूरा खर्च आरसीडीएफ उठाएगा।

सीधा पैसा खाते में:

अब दूध का भुगतान किसी समिति से नहीं, सीधे किसान के खाते में किया जाएगा। इससे प्रक्रिया पारदर्शी बनेगी और किसानों को समय पर भुगतान मिलेगा।

उत्पादन केंद्र होंगे हाईटेक:

इन चार जिलों के दुग्ध प्रोसेसिंग प्लांट्स की क्षमता को बढ़ाने के लिए उन्हें अपग्रेड किया जाएगा। खर्च का वहन भी सरकार ही करेगी।

अंत में बात यही है:

अब दूध बेचने का मतलब सिर्फ मेहनत नहीं, फायदे का सौदा भी है। सरकार का ये कदम पशुपालन को एक मजबूत व्यवसाय में बदलने की ओर बढ़ता हुआ बड़ा प्रयास है। अगर आप इन जिलों में हैं तो तैयार हो जाइए – क्योंकि अब सिर्फ दूध नहीं, उसका पूरा मोल भी मिलेगा।

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