“मोहन सरकार का किसानों को बड़ा तोहफा – अब नहीं चुकाना पड़ेगा कर्ज!”

“मोहन सरकार का किसानों को बड़ा तोहफा – अब नहीं चुकाना पड़ेगा कर्ज!”

MP के 35 लाख किसानों के चेहरे पर मुस्कान!
मोहन सरकार का बड़ा ऐलान — अब कर्ज से छुटकारा पक्का!

भाइयों और बहनों,

अगर आप खेती-किसानी से जुड़े हैं और सोच रहे हैं कि अबके बरस तो पानी भी सही नहीं गिरा, कर्ज कैसे चुकाएंगे — तो ज़रा रुकिए। MP की मोहन सरकार एक बड़ी सौगात लेकर आई है, जो सीधे किसानों के चेहरे पर राहत की मुस्कान लेकर आई है।

कर्ज माफ! हां, सही सुना आपने।

अब राज्य के 35 लाख किसानों को इस योजना का सीधा लाभ मिलेगा, जिसमें सरकार खुद ब्याज और दंड की रकम चुकाएगी।

क्या-क्या माफ होगा?

क्या-क्या माफ होगा?

कर्ज माफी का गणित कुछ इस तरह है:

विवरण राशि
कुल बकाया (31 मार्च 2025 तक) ₹647 करोड़ 67 लाख
जिसमें मूल राशि ₹563 करोड़ 29 लाख
ब्याज + दंड ₹84 करोड़ 17 लाख

अब सरकार ब्याज और दंड का हिस्सा खुद भरेगी। किसान अब केवल मूल पैसा चुकाएगा और बाकी की चिंता खत्म हो जाएगी।

किन्हें मिलेगा फायदा?

राज्य के करीब 35 लाख छोटे-बड़े किसानों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। विशेष रूप से उन किसानों को राहत दी जाएगी जिनके ऊपर सिंचाई जलकर का बकाया था और जिन्होंने वर्ष 2022-23 से लेकर 2024-25 तक पानी उपयोग किया, लेकिन बिल नहीं चुका पाए।

मूंग-उड़द किसानों के लिए भी खुशखबरी।

सरकार ने सिर्फ कर्ज माफी ही नहीं, बल्कि ग्रीष्मकालीन मूंग और उड़द की खरीद को लेकर भी बड़ा फैसला लिया है। अब इन फसलों की खरीद MP राज्य सहकारी विपणन संघ के ज़रिए की जाएगी। इससे किसान बिना किसी बिचौलिए के सीधे अपनी उपज बेच सकेंगे और उचित मूल्य पा सकेंगे।

बहनों को मिलेगा राखी से पहले तोहफा।

लाड़ली बहनों के लिए भी सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। इस बार रक्षाबंधन से पहले उन्हें ₹1500 की राशि दी जाएगी। यह रकम अगली किश्त के साथ 12 जुलाई को उनके खातों में ट्रांसफर होगी। इससे करीब 1 करोड़ 27 लाख महिलाओं को सीधा फायदा होगा।

मोदी जी कहते हैं “सबका साथ, सबका विकास” — अब मोहन सरकार ने दिखा दिया कि वो किसानों और बहनों दोनों की चिंता करती है।

धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रम भी होंगे खास।

10 जुलाई को गुरु पूर्णिमा और निषाद राज जयंती के अवसर पर विशेष कार्यक्रम आयोजित होंगे। इससे धार्मिक और सामाजिक एकता को बढ़ावा मिलेगा और सभी वर्गों को जोड़ने का काम होगा।

अंत में बात सीधी और दिल से।

मोहन सरकार का यह फैसला केवल आर्थिक राहत नहीं है, बल्कि यह किसानों के सम्मान की वापसी है। अब किसान कर्ज की चिंता छोड़कर पूरी ऊर्जा से खेती में जुट पाएंगे और बेहतर उत्पादन कर सकेंगे।

अगर आप खुद किसान हैं या किसी किसान को जानते हैं, तो यह खबर जरूर उन तक पहुंचाइए। क्योंकि जब राहत की खबर साझा होती है, तो उसका असर दोगुना हो जाता है।

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