Ladki Bahin Yojana: 14 हज़ार से ज़्यादा पुरुषों ने महिला योजना का उठाया फायदा, सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान!

Ladki Bahin Yojana: 14 हज़ार से ज़्यादा पुरुषों ने महिला योजना का उठाया फायदा, सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान!

लड़की बहिन योजना में बड़ा खेल!
14 हजार ‘भाई साहबों’ ने बनकर ‘बहन’ ले लिए ₹1,500 महीने, सरकार को लगा ₹21 करोड़ का झटका!

महाराष्ट्र सरकार की चर्चित “लड़की बहिन योजना” जहां एक तरफ लाखों गरीब महिलाओं के लिए वरदान बनी, वहीं दूसरी तरफ कुछ चालाक लोगों ने इसे ‘कमाई का जरिया’ बना लिया। सबसे बड़ा खुलासा ये है कि 14,000 से ज्यादा मर्दों ने खुद को महिला बताकर इस योजना का फायदा उठाया!

भाई ने बहन बनकर उड़ाया मजा!

इस योजना का मकसद था – 21 से 65 साल की उम्र की गरीब महिलाओं को ₹1,500 प्रति महीना सीधे बैंक खाते में देना ताकि उनकी जिंदगी थोड़ी आसान बन सके। लेकिन शुरू होते ही इस योजना में धड़ल्ले से फर्जीवाड़ा होने लगा। जांच में पता चला कि 14,298 पुरुषों ने खुद को महिला बता कर पूरे 10 महीने तक सरकार से पैसा वसूला और मजे किए। इससे सरकार को हुआ ₹21.44 करोड़ का सीधा नुकसान।

औरतें भी कम नहीं थीं!

अब सोचिए, जब मर्दों ने ही प्लान में सेंध मारी है तो बाकी जनता पीछे कैसे रहती! जांच में ये भी सामने आया कि लाखों महिलाएं भी अपात्र होते हुए योजना का फायदा ले रही थीं।

👉 रिपोर्ट कहती है:

1.62 लाख महिलाएं ऐसी थीं जिनके पास खुद की चार पहिया गाड़ियां थीं

2.87 लाख महिलाएं 65 साल से ऊपर थीं, जो इस योजना के लिए पात्र ही नहीं थीं

और सबसे मजेदार – 7.97 लाख महिलाएं एक ही परिवार की तीसरी सदस्य थीं, जबकि नियम था कि एक परिवार से सिर्फ दो महिलाओं को ही लाभ मिल सकता है

सिर्फ इन गलत भुगतानों की वजह से सरकार का ₹1,640 करोड़ से ज्यादा का चूना लग गया है। मतलब पैसा गया और बहनों का फायदा कम, फर्जीवाड़ा ज्यादा।

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन बना सिरदर्द

सरकार ने सोचा कि ऑनलाइन से काम आसान हो जाएगा, लेकिन जमीन पर कोई जांच नहीं हुई और बस फॉर्म भरते ही पैसा आना शुरू! इसीलिए अब महिला एवं बाल विकास विभाग ने कहा है कि वे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और जिला कलेक्टर्स की मदद से अब पूरे राज्य में फील्ड वेरिफिकेशन करेंगे।

📉 26 लाख से ज्यादा लाभार्थियों का पेमेंट रोक दिया गया
अब तक की जांच में 26.34 लाख लोगों का पेमेंट रोक दिया गया है जो योजना के पात्र नहीं थे। फिलहाल अब सिर्फ 2.25 करोड़ महिलाएं ही पात्र रह गई हैं।

सरकार का कड़ा रुख

महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने साफ कहा –
“जो लोग फर्जी तरीके से योजना का पैसा खा रहे थे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”

वहीं डिप्टी सीएम अजित पवार का भी बयान आया:
“अगर पुरुषों ने गलत तरीके से पैसा लिया है तो उनसे वसूली की जाएगी। नहीं देने पर सख्त कदम उठाए जाएंगे।”

मजे की बात

अब जनता कह रही है –
“भाई लोग बहन बनके पैसा खा रहे हैं, असली बहनें लाइन में खड़ी हैं!”
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या अब सरकार कोई नया तरीका अपनाएगी ताकि असली बहनों को ही लाभ मिले और ‘नकली भाई-बहन’ को सज़ा?

डिस्क्लेमर:

इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न समाचार रिपोर्ट्स और सार्वजनिक स्रोतों पर आधारित है। योजना से जुड़ी सटीक, अद्यतन और आधिकारिक जानकारी के लिए महाराष्ट्र सरकार की वेबसाइट या संबंधित विभाग के आधिकारिक पोर्टल को ज़रूर देखें। लेखक का उद्देश्य केवल सूचना देना है, किसी को दोषी ठहराना नहीं।

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